मसूर की फसल में कीट प्रकोप कम होता है । उत्तर-पूर्वी और मध्य भारत के क्षेत्रों में कभी-कभी जनवरी के महीने में तापमान सामान्य से अधिक होने पर मॉंहू का प्रकोप होता है । मॉंहू पौधों के तने, पत्तियों और फलियों का रस चूसकर फसल को क्षतिग्रस्त कर देता है । इससे बचाव के लिए डाइमेथोएट 0.03, मेटासिस्टॉस 0.02 अथवा इन्डोसल्फान 0.07 का पानी में घोल बनाकर 500-600 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें ।