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धूसर फफूँद (बोट्राइटिस येमोल्ठ)

धूसर फफूँद 
यह रोग पौधों में फूल एवं फली के विकसित होने पर अनुकूल वातावरण में आता है। अधिक आर्द्रता होने पर भूरे या काले भूरे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। फूल झड़ जाते हैं। एवं रोग ग्रसित पौधों में फलियाँ नहीं बनती हैं। शाखाओं या तनों में जहाँ फफूँद के काले धब्बे आ जाते हैं वहाँ पर पौधा गल कर मर जाता है।
 

प्रबंधन

बीज को बोने से पीले उचित कवकनाशी जैसे थीरम रसायन से बीज का शोधन करना चाहिए। बुवाई के समय पंक्तियों की बीच की दूरी अधिक रखनी चाहिए प्रतिरोधी प्रजातियों का प्रयोग करना चाहिए कवकनाशी रसायन जैसे मेन्कोजेब 720 ग्राम प्रति लीटर, कार्बेन्डाजिम 500 ग्राम प्रति लीटर का छिड़काव प्रभावित पत्तियों पर करना चाहिए।