स्तम्भ मूल संधि विगलन
इस रोग का प्रकोप प्रायः सिंचित क्षेत्रों अथवा बुवाई के समय मृदा में नमी की अधिकता एवं तापमान 300 सेंटीग्रेड के आस-पास होने पर होता है। अंकुरण से लेकर एक या डेढ़ महीने की अवस्था तक पौधे पीले होकर मर जाते हैं। तने के सड़े भाग से जड़ तक सफेद फफूँद एवं कवक के जाल पर राई के दाने के आकार के फफूँद के बीजाणु दिखाई देते हैं।
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