कटुआ
इस कीट के प्रकोप से उत्तर एवं उत्तर-पूर्वी भारत के कई क्षेत्रों में चना की फसल में हानि होती है। जिन क्षेत्रों बुवाई से पूर्व बरसात का पानी भरा रहता है वहाँ विशेष रुप से इस कीट का प्रकोप अधिक होता है। भारी मिट्टी में भी इस कीट का प्रभाव स्पष्ट दिखने को मिलता है। इस कीट की गिडरें चिकनी, लचीली एवं दिखने में हल्के स्याह या भूरे रंग की तेलयुक्त होती हैं। इस कीट का विशिष्ट लक्षण यह होता है कि यह रात में पौधों को जमीन की सतह से काट देता है।
प्रबंधन