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उकठा रोग (फ्यूसेरियम विल्ट)

उकठा रोग अथवा फ्यूसेरियम विल्ट

यह बीमारी फ्यूसेरियम आक्सिस्पोरियम की एक स्पिसीज fपसी के द्वारा होती है। यह एक मृदा जनित फफूंद है जो पौधे के जालिका तंत्र द्वारा या पौधे के क्षतिग्रस्त भाग द्वारा जड़ के सिरे तक पहुंचती है जो पत्तियों और तने में प्रगतिशील होते हुये पौधे का कमजोर होकर गिरना (विल्टिंग), जड़ प्रणाली का पतन जैसी बीमारियां उत्पन्न करते हैं। फलस्वरूप पौधा गिर जाता है और मर जाता है। मृदा में अधिक नमी यह बीमारी का प्रकोप बढ़ जाता है।

प्रबन्धन
मृदा सौरीकरण
बुवाई से पहले कार्बेन्डाजिम (बेविस्टिन) 2.5 ग्रा0 / कि. की दर से बीज का उपचार 
अधिक नमी व ताप रोग के प्रकोप के लिए अनुकूलित होता है। अतः इससे बचने के लिए शीघ्र बुवाई नहीं करनी चाहिए।
कम से कम 2-3 साल तक अदलहनी फसलों द्वारा फसल चक्र अपनाना चाहिए।