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खरपतवार प्रबन्धन

खरपतवार प्रबन्धन
काबुली चना की उपज विभिन्न खरपतवारों से प्र्रभावित होती है। अतः खेत से खरपतवार निकाल देने या उनके नियंत्रण से भरपूर उपज प्राप्त होती है। खरपतवार नियंत्रण से खेत में डाले गए खाद एवं उर्वरकों का उयोग चना के पौधों द्वारा होने से उपज में वृद्धि होती है। तथा पौधों में समुचित मात्रा में प्रकाश एवं वायु-संचार होता है। खरपतवार नियंत्रण की निम्न लिखित दो विधियाँ अपनाई जाती है :

 

कर्षण क्रियाएं
बुवाई के 30 -35 दिन बाद पहली निराई व गुड़ाई कर खरपतवार नियंत्रण करना चाहिए। दूसरी निराई या गुड़ाई 60-65 दिन बाद करनी चाहिए।
 

खरपतवारनाशी का प्रयोग  
पेंडिमेथालीन 1.00-1.25 कि.ग्रा. सक्रिय तत्व प्रति हे. को 700-800 लीटर पानी में घोलकर बुवाई के तुरंत बाद (72 घंटे के अन्दर) छिड़काव करने से खरपतवार नष्ट हो जाते हैं। खेत में ऊपरी सतह में नमी होने पर खरपतवार नाशी रसायन अधिक प्रभावशाली होता है। छिड़काव धूप होने पर करना ज्यादा अच्छा होता है।